राजकीय कॉलेजों में प्रवक्ताओं की संबद्धता समाप्त, लौटेंगे मूल तैनाती वाले स्थानों पर, विभिन्न कारणों से किए गए थे संबद्ध, वापसी पर कोई यात्रा भत्ता नहीं
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के विभिन्न राजकीय महाविद्यालयों में संबद्ध किए गए प्रवक्ताओं को अपने मूल तैनाती वाले राजकीय महाविद्यालयों में लौटना होगा। उच्च शिक्षा निदेशालय ने प्रवक्ताओं की संबद्धता समाप्त कर दी है। इनको विभिन्न कारणों से संबद्ध किया गया था। दअरसल, जिन प्रवक्ताओं ने बीमारी, पारिवारिक समस्याओं का हवाला देते हुए दूसरे राजकीय महाविद्यालयों में संबद्ध किए जाने के लिए आवेदन किए थे। उनके आवेदनों पर विचार करने के बाद उनमें से कई को दूसरे महाविद्यालयों में संबद्ध कर दिया गया था।
सूत्रों का कहना है कि तबादले की प्रक्रिया से इतर उचित कारणों के आधार पर संबद्धता प्रदान की जा सकती है। कुछ लोगों ने शासन में शिकायत की थी कि कई प्रवक्ताओं ने बिना किसी उचित कारण के अफसरों से साठगांठ कर दूसरे महाविद्यालयों से अपनी संबद्धता करा ली। मामला शासन तक पहुंचा तो उच्च अधिकारियों के निर्देश पर प्रदेशभर में संबद्ध किए गए सभी प्रवक्ताओं की संबद्धता को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया गया।
मूल राजकीय कॉलेजों में लौटेंगे संबद्ध प्रवक्ता
प्रयागराज । प्रदेश के विभिन्न राजकीय महाविद्यालयों में विभिन्न कारणों से संबद्ध प्रवक्ताओं को अपने मूल तैनाती वाले महाविद्यालयों में लौटना होगा। उच्च शिक्षा निदेशालय ने प्रवक्ताओं की संबद्धता समाप्त कर दी है। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमित भारद्वाज की ओर से 14 फरवरी को जारी आदेश में कहा गया है कि वर्तमान सत्र में शिक्षण कार्य की प्रतिपूर्ति होने के मद्देनजर छात्र हित में विभिन्न राजकीय महाविद्यालयों में संबद्ध प्रवक्ताओं की संबद्धता तत्काल प्रभाव से समाप्त की जाती है और संबंधित को मूल महाविद्यालय में कार्यभार ग्रहण करने के लिए निर्देशित किया जाता है। इसके लिए संबंधित प्रवक्ता को कोई यात्रा भत्ता देय नहीं होगा।
निदेशक के अनुसार प्रदेशभर में दो दर्जन से अधिक प्रवक्ताओं को संबद्ध किया था। जिन प्रवक्ताओं ने बीमारी, पारिवारिक समस्याओं का हवाला देते हुए दूसरे राजकीय महाविद्यालयों में संबद्ध किए जाने के लिए आवेदन किए थे, उनके आवेदनों पर विचार करने के बाद उनमें से कई प्रवक्ताओं को दूसरे महाविद्यालयों में संबद्ध कर दिया गया था।
विभागीय नियमों के अनुसार स्थानांतरण प्रक्रिया से इतर उचित कारणों के आधार पर संबद्धता प्रदान की जाती है। कुछ लोगों ने शासन में शिकायत की थी कि कई प्रवक्ताओं ने बिना किसी उचित कारण के अफसरों से साठगांठ कर दूसरे महाविद्यालयों से अपनी संबद्धता करा ली। मामला शासन तक पहुंचा। इस पर सभी प्रवक्ताओं की संबद्धता को समाप्त कर दिया गया।
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