पांच हजार रुपये रिश्वत लेते चालक गिरफ्तार, एंटी करप्शन को चकमा देकर भाग निकले बीईओ, रुका वेतन निकलवाने के नाम पर मांगे थे पांच हजार रुपये, दोनों पर रिपोर्ट
बिथरी में खंड शिक्षा अधिकारी दफ्तर के सामने एंटी करप्शन टीम ने की कार्रवाई
बरेली। बिथरी चैनपुर के खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) अवनीश प्रताप सिंह के चालक वीरपाल को बृहस्पतिवार दोपहर बाद पांच हजार रुपये रिश्वत लेते हुए एंटी करप्शन टीम ने गिरफ्तार कर लिया।
बीईओ ने प्रधानाध्यापक से रुका वेतन निकलवाने के नाम पर पांच हजार रुपये मांगे थे। टीम ने दफ्तर के बाहर रुपये लेने आए चालक को पकड़ा तो शोर सुनकर बीईओ वहां से भाग गया। बीईओ मूलतः पीलीभीत जिले के पूरनपुर का रहने वाला है। दोनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है।
कैंट थाने के मोहनपुर गांव निवासी मोहम्मद इलियास पीएम श्री विद्यालय सैदपुर कुर्मियान के प्रधानाध्यापक हैं। इलियास ने हाल ही में एंटी करप्शन कार्यालय में सीओ यशपाल सिंह से मिलकर शिकायत दर्ज कराई थी।
बताया था कि बिथरी चैनपुर के बीईओ अवनीश प्रताप सिंह ने उनसे अप्रैल व मई 2024 का रुका वेतन निकलवाने के बदले पांच हजार रुपये मांगे हैं। वह रिश्वत नहीं देना चाहते। गोपनीय जांच में आरोप पुष्ट हुए तो कार्रवाई शुरू कर दी गई।
वीरपाल बोला- मैं बेकसूर, अफसर ने फंसाया
सीओ ने पूछताछ की तो वीरपाल ने बताया कि उसका इस घटनाक्रम से कोई लेना-देना नहीं है। वह अनुचर है और ड्राइवर का भी काम करता है। दफ्तर में अधिकारी के पास बैठा था। उनके कहने पर ही कार्यालय के बाहर यह रकम लेने आया था। एंटी करप्शन टीम उसे कोतवाली ले आई। वहां टीम की ओर से बीईओ अवनीश प्रताप सिंह व वीरपाल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी गई। वीरपाल क्योलड़िया थाना क्षेत्र के ज्योति जागीर गांव का निवासी है। टीम ने उसके घर जाकर तलाशी ली व पूछताछ की।
फोन पर बात करते रहे बीईओ, धोखे में ड्राइवर को पकड़ा
एंटी करप्शन टीम के कहने पर इलियास फोन पर लगातार बीईओ के संपर्क में थे। तय हुआ था कि बृहस्पतिवार दोपहर बाद इलियास पांच हजार रुपये बीईओ को उनके विथरी ब्लॉक स्थित कार्यालय पर देने जाएंगे। दोपहर बाद सवा तीन बजे इलियास बीईओ के दफ्तर पहुंचे। टीम के अधिकारी व गवाह भी थोड़ी दूरी पर थे। इलियास ने कॉल कर बीईओ को अपने आने की सूचना दी। तब बीईओ ने अपने चालक वीरपाल को बाहर भेज दिया। वीरपाल मूलतः अनुचर है, पर बीईओ का वाहन चलाता है। वीरपाल ने जैसे ही इलियास के हाथ से रुपये लिए, टीम ने उसे बीईओ समझकर गिरफ्तार कर लिया। उसके हाथ धुलवाए तो नोटों पर लगे केमिकल की वजह से पानी का रंग गुलाबी हो गया। टीम ने उसे गाड़ी में बैठा लिया।
कोई घूस मांगे तो तुरंत करें शिकायत
सीओ एंटीकरप्शन यशपाल सिंह ने बताया कि इस मामले में बीईओ ही असली आरोपी है। प्रधानाध्यापक से फोन पर बीईओ की बात हो रही थी, वेतन भी वही बहाल करा सकता था। वह कार्रवाई के दौरान मौके से खिसक गया। उसकी तलाश की जा रही है। कोई अफसर रिश्वत मांगे तो उनके मोबाइल नंबर 9454405475 और प्रभारी निरीक्षक के मोवाइल नंबर 9454401653 पर कॉल करके भी शिकायत कर सकते हैं
■ एंटी करप्शन को चकमा देकर भाग निकले बीईओ
■ निरीक्षण में गैरहाजिर दिखा रोका जाता है वेतन, फिर देनी होती है रिश्वत
■ ड्राइवर के माध्यम से शिक्षकों से रिश्वत लेने का आरोप
बरेली । एंटी करप्शन टीम ड्राइवर को पकड़ने के बाद खड़ी थी और इसी बीच बीईओ कमरे से निकलकर भाग निकला। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद अब उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
प्रधानाध्यापक मोहम्मद इलियास ने बीईओ अवनीश प्रताप सिंह के ड्राइवर को रिश्वत के पांच हजार रुपये दिए। ड्राइवर ने रकम गिनकर जैसे ही अपनी जेब में रखी, एंटी करप्शन टीम ने उसे दबोच लिया। उसे पकड़ते ही वहां अफरातफरी मची और इसी बीच बीईओ अवनीश प्रताप सिंह अपने कमरे से निकलकर चला गया। टीम जब तक कुछ समझ पाती बीईओ वहां से भाग निकला। अब दोनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। वीरपाल को शुक्रवार को जेल भेजा जाएगा और बीईओ के खिलाफ आगे कार्रवाई की जाएगी।
संबद्धता का भी चलता है खेलः
बिथरी चैनपुर ब्लॉक के शिक्षकों का कहना है कि बीईओ अवनीश प्रताप सिंह निरीक्षण के दौरान दो-चार मिनट लेट होने पर भी उन्हें अनुपस्थित दिखाकर वेतन रुकवा देता है। इसके बाद रिश्वत की मांग की जाती है। रकम दिए बिना किसी का भी वेतन जारी नहीं होता। यह खेल लंबे समय से चल रहा है। इसके अलावा उसके ऑफिस में शिक्षकों की संबद्धता का खेल भी खूब चलता है। बीएसए संजय सिंह ने बताया कि रिश्वत प्रकरण में आरोपी ड्राइवर को निलंबित किया जाएगा। इसके साथ ही खंड शिक्षा अधिकारी के खिलाफ भी जल्दी ही विभागीय कार्रवाई का निर्णय लिया जाएगा।
फरार बीईओ अवनीश प्रताप सिंह
सेटिंग के चलते तीन साल से बिथरी में डटा रहा
शिक्षकों ने बताया कि पूर्व में बीईओ नियम विरुद्ध एक अनुदेशक जिला व्यायाम शिक्षक बना दिया था। यह मुद्दा काफी चर्चा में रहा। बिथरी के कस्तूरबा गांधी स्कूल के भोजन में गड़बड़ी मिली और महिला शिक्षकों से दुर्व्यवहार का भी उस पर आरोप था लेकिन सेटिंग के चलते वह तीन साल से बिथरी में ही डटा था।
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