परीक्षा पे चर्चा : पीएम मोदी ने बच्चों को पढ़ाया नेतृत्व का पाठ, असफलताओं को सबक में बदलने की दी सलाह
विद्यार्थियों को दी सलाह – परीक्षा की चिंता न करें, बल्लेबाज की तरह सिर्फ गेंद पर फोकस रखें
अभिभावकों को दी नसीहत – बच्चों को आदर्श बनने पर मजबूर न करें, जुनून तलाशने की छूट दें
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को उनके पसंदीदा खेल क्रिकेट से उदाहरण देते हुए एकाग्रता का दबाव नहीं लेने का मंत्र दिया। मोदी ने बच्चों से कहा, क्रिकेट के दौरान स्टेडियम से आवाज आती है, कोई छक्के की मांग करता है तो कोई चौके की। मगर, बल्लेबाज उस शोर की चिंता किए बिना एकाग्र होकर सिर्फ गेंद पर नजरें जमाए रखता है। विद्यार्थियों को भी दबाव को उसी तरह संभालना चाहिए। सिर्फ अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, उन्हें परीक्षाओं और अंकों के दबाव में नहीं आना चाहिए।
नए स्वरूप में आठवीं बार हुई परीक्षा पे चर्चा में पीएम मोदी ने सुंदर नर्सरी में 36 बच्चों के साथ बातचीत की। अखिल भारतीय प्रसारण के साथ कार्यक्रम में देशभर के छात्र, अभिभावक व शिक्षक शामिल हुए। पीएम मोदी ने कहा, ज्ञान व परीक्षा दो अलग चीजें हैं। परीक्षा को ही जीवन का सबकुछ नहीं समझना चाहिए। मोदी ने असफलताओं से सीखने का आग्रह किया, क्योंकि नाकामियां ही सफलता में अहम भूमिका निभाती हैं। पीएम मोदी ने बच्चों को यथार्थवादी और हासिल करने योग्य लक्ष्य तय करने की सलाह दी।
पीएम नहीं होता तो कौशल विभाग में काम करता
पीएम मोदी ने कहा, अगर वे प्रधानमंत्री नहीं होते, तो उन्हें कौशल विभाग में काम करना अच्छा लगता। इसके प्रति उन्होंने अपनी गहरी रुचि व्यक्त की। व्यक्तियों और राष्ट्र के भविष्य को आकार देने में इसकी परिवर्तनकारी शक्ति पर जोर दिया।
अभिभावकों को सीख
पीएम मोदी ने अभिभावकों व शिक्षकों से कहा, छात्रों को सीमित नहीं किया जाना चाहिए। उन्हें अपने जुनून को तलाशने की अनुमति दी जानी चाहिए। माता पिता को दिखावे के लिए अपने बच्चों को आदर्श बनने के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए। न ही उनकी तुलना दूसरे बच्चों से करनी चाहिए।
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