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Thursday, March 6, 2025

पिछले 3 साल से कोर्ट में हाजिर न होने पर बेसिक और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व निदेशक बासुदेव यादव गिरफ्तार, आय से अधिक संपत्ति मामले में आरोपी हैं पूर्व एमएलसी व निदेशक वासुदेव यादव

पूर्व एमएलसी वासुदेव यादव के खिलाफ 1000 पेज की दाखिल हो चुकी चार्जशीट, विजिलेंस टीम को विवेचना में आय से 293 फीसदी अधिक संपत्ति के मिले थे साक्ष्य

2023 से कोर्ट में हाजिर नहीं होने पर 10 बार विजिलेंस लगा चुकी थी पूर्व  शिक्षा निदेशक के घर का चक्कर, पूर्व सपा एमएलसी वासुदेव यादव पर वाराणसी की एमपी/एमएलए कोर्ट में भी चल रहा मुकदमा


06 मार्च 2025
प्रयागराज। सपा के पूर्व एमएलसी और पूर्व शिक्षा निदेशक वासुदेव यादव की गिरफ्तारी के बाद कई और अहम तथ्य सामने आए हैं। पता चला है कि विजिलेंस की विवेचना में आय से 293 फीसदी अधिक संपत्ति का साक्ष्य मिलने पर लगभग 1000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की गई थी।

कोर्ट में हाजिर न होने पर विजिलेंस समेत अन्य थानों की पुलिस ने वासुदेव के घर पर 10 से अधिक चक्कर काटे थे। आय से अधिक संपत्ति के मामले में जनवरी 2021 विजिलेंस प्रयागराज ने वासुदेव यादव पर विभिन्न धाराओं केस दर्ज किया था। केस की चार्जशीट तैयार करने में विजिलेंस को लगभग दो वर्ष लग गए।

वर्ष 2023 में वाराणसी की एंटी करप्शन कोर्ट में तकरीबन एक हजार पन्नों का चिट्ठा तैयार कर चार्जशीट फाइल किया। लेकिन, कोर्ट में वासुदेव के हाजिर नहीं होने पर उनको नोटिस और फिर गैर जमानती वारंट जारी किया गया। विजिलेंस के अफसरों के मुताबिक, वासुदेव का जार्जटाउन के अलावा मूल निवास सोरांव के धोसड़ा में हैं।

कोर्ट से नोटिस और वारंट के बाद थाना जार्जटाउन, थाना सोरांव और विजिलेंस की टीम 10 से अधिक बार इनके दोनों आवासों पर चक्कर काट चुकी है। लेकिन, हर बार घर बाहर से पुलिस को वापस लौटा दिया जाता रहा है। लेकिन, मंगलवार को उन्हें गिरफ्तार कर लिया। वहीं, बुधवार को इनके घर पर सन्नाटा पसरा रहा।

मामले में जब वासुदेव की बेटी निधि यादव से बात की गई तो उन्होंने कुछ बताने से इन्कार कर दिया और कहा कि वह कुछ भी इस संबंध में बात नहीं करना चाहती हैं।



वाराणसी। विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए वाराणसी युजवेंद्र विक्रम सिंह की अदालत में पूर्व सपा एमएलसी वासुदेव यादव का एक मामला चल रहा है। 19 फरवरी 2025 को ही कोर्ट ने जमानत की अग्रिम अर्जी पर सुनवाई करते हुए खारिज किया था। पूर्व एमएलसी पर आरोप है कि माध्यमिक शिक्षा निदेशक के पद पर रहने के दौरान वासुदेव यादव ने 89 लाख की जगह 1.87 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति अर्जित की थी। सतर्कता अधिष्ठान प्रयागराज में मुकदमा दर्ज किया गया था। 

विवेचना अधिकारी ने जांच की और आरोप पत्र अदालत में दाखिल कर दिया था। इसके बाद आरोपी वासुदेव की तरफ से अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल की गई थी और अभियोजन की तरफ से विरोध करते हुए कहा गया था कि आरोपी प्रभावशाली है। वह केस को कमजोर कर सकता है। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए अर्जी खारिज कर दी थी।


अपने वाहन से जाना चाहते थे वासुदेवः सूत्रों से पता चला है कि वासुदेव के घर पर जब विजिलेंस की टीम पहुंची तो उन्होंने पुलिस की गाड़ी में बैठने से इन्कार कर दिया। वासुदेव का कहना था कि वह अपने निजी वाहन से ही घर से बाहर निकलेंगे। लेकिन, विजिलेंस ने दबाव बनाया और कहा कि पुलिस की गाड़ी में बैठकर ही यहां से जाना होगा। करीब 15 मिनट के आनाकानी के बाद वह विजिलेंस की गाड़ी में बैठकर जार्जटाउन थाना के लिए रवाना हो गए। जहां मेडिकल कराने के बाद उनको वाराणसी कोर्ट में शाम करीब 4:30 बजे पेश किया गया।



पिछले 3 साल से कोर्ट में हाजिर न होने पर बेसिक और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व निदेशक बासुदेव यादव गिरफ्तार

आय से अधिक संपत्ति मामले में आरोपी हैं पूर्व एमएलसी व निदेशक वासुदेव यादव

05 मार्च 2025
प्रयागराज। विजिलेंस की टीम ने सपा के पूर्व एमएलसी और शिक्षा बोर्ड के निदेशक वासुदेव यादव को उनके जार्ज टाउन स्थित आवास से मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया। आय से अधिक संपत्ति के मामले में वाराणसी की एमपी एमएलए कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। पिछले करीब तीन साल से वासुदेव यादव कोर्ट में पेश नहीं हुए थे।


सितंबर-2017 में सीएम के निर्देश पर वासुदेव यादव की संपत्तियों की जांच शुरू हुई थी। उन पर शिक्षा निदेशक रहते हुए अवैध तरीके से संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। निर्धारित अवधि के बीच हुई आय, खर्चों, खरीदी गई संपत्तियों व निवेशों के बारे में विजिलेंस ने गहनता से जांच पड़ताल की थी। इसमें सामने आया कि वासुदेव यादव की आय करीब 89.42 लाख रुपये थी, जबकि विजिलेंस की विवेचना में आय से 293 फीसदी अधिक संपत्ति जुटाने का साक्ष्य मिला था। यह रिपोर्ट शासन को सौंपी जाने के बाद भी वासुदेव ने अपना बयान दर्ज नहीं कराया था।


शासन से अनुमति मिलने के बाद जनवरी-2021 में सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) प्रयागराज के थाने में वासुदेव यादव के विरुद्ध एफआइआर दर्ज की गई थी। इसके बाद से ही वासुदेव कोर्ट में हाजिर नहीं हुए। मामले में मंगलवार दोपहर विजिलेंस इंस्पेक्टर नन्हे राम सरोज और जय श्याम शुक्ला के नेतृत्व में जार्ज टाउन थाना क्षेत्र के अमरनाथ झा मार्ग स्थित उनके आवास पर स्थानीय पुलिस के साथ टीम पहुंची और उन्हें गिरफ्तार कर लिया।


सपा की सत्ता में मिली थी संजीवनी 10 दिन में खत्म हुए थे सभी मामले

प्रयागराज। सपा के पूर्व एमलएमसी और यूपी बोर्ड के पूर्व सचिव व पूर्व निदेशक वासुदेव यादव को सपा की सरकार आते ही संजीवनी मिली थी। 10 दिनों में उनके खिलाफ चल रहे ज्यादातर बड़े मामले खत्म कर दिए गए थे। सचिव और निदेशक रहते उन पर घोटाले के तमाम आरोप लगे थे।

वासुदेव यादव के पास आय से अधिक संपत्ति मिलने के मामले के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं। यूपी बोर्ड के सूत्रों का कहना है कि सपा की सरकार आने से पहले वासुदेव यादव के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के दर्जनों मामले लंबित थे। पांच मार्च 2012 को जब विधानसभा चुनाव का परिणाम घोषित हुआ और सपा बहुमत के साथ सत्ता में आई तो उनकी किस्मत अचानक पलट गई। 

सूत्र बताते हैं कि पांच से 15 मार्च तक देर रात सचिवालय खोलकर वासुदेव यादव के खिलाफ चल रहे मामलों को खत्म कराया गया। उनके खिलाफ लोकायुक्त की जांच भी चल रही थी, जिसे दबा दिया गया। पांच से छह साल पुराने मामले दबा दिए गए। अचानक डीपीसी हुई और आननफानन उनका प्रमोशन करते हुए बेसिक व माध्यमिक शिक्षा के निदेशक का पद सौंप दिया गया। 


एमएलसी साहब से कुछ काम है कहकर आवास में घुसी विजिलेंस

एमएलसी वासुदेव साहब घर पर हैं क्या? हां हैं, बताइए क्या काम है? उनसे मिलना है कुछ काम फंसा है। यह सुनते ही सुरक्षाकर्मी ने मुख्य दरवाजा खोला तो विजिलेंस की टीम अंदर दाखिल हुई। जब तक परिवारीजन मामला समझ पाते टीम उन्हें गिरफ्तार कर गाड़ी में बैठा चुकी थी। पहले जार्ज टाउन थाने में कार्यवाही पूरी फिर उन्हें वाराणसी कोर्ट में पेश कर दिया गया।

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