फर्जी परीक्षार्थियों को सॉल्वर गैंग का सदस्य मानकर होगी कार्रवाई, आजीवन कारावास और एक करोड़ रुपये जुर्माने की सजा का है प्रावधान
भविष्य के दृष्टिगत नकल में पकड़े गए परीक्षार्थियों पर अधिनियम के प्रावधान लागू नहीं होंगे
प्रयागराज। यूपी बोर्ड की वर्ष 2025 की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा में अब तक 19 फर्जी परीक्षार्थी पकड़े जा चुके हैं। इन पर उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम, 2024 के प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई है। इस अधिनियम के तहत आजीवन कारावास व एक करोड़ रुपये जुर्माना, दोनों सजा का प्रावधान है।
यूपी बोर्ड की परीक्षाएं 24 फरवरी से शुरू हो चुकी हैं। पहले दिन हाईस्कूल व इंटर की हिंदी की परीक्षा के दौरान 14 फर्जी परीक्षार्थियों को पकड़ा गया था। इसके बाद एक मार्च को हाईस्कूल के विषय गणित की परीक्षा में चार व इंटर के नागरिक शास्त्र की परीक्षा में एक फर्जी परीक्षार्थी को पकड़ा गया। इस तरह अब तक कुल 19 फर्जी परीक्षार्थी दूसरे की जगह परीक्षा देते हुए पकड़े जा चुके हैं।
यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने बताया कि पकड़े गए फर्जी परीक्षार्थी बाहरी हैं और इन्हें सॉल्वर गैंग का सदस्य मानते हुए इनके खिलाफ उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम, 2024 के प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई है, जिसमें आजीवन कारावास व एक करोड़ के जुर्माने की सजा का प्रावधान है।
जहां तक नकल में पकड़े गए परीक्षार्थियों की बात है तो इस अधिनियम के प्रावधान परीक्षार्थी पर लागू नहीं होंगे। अब तक नौ परीक्षार्थियों को नकल करते हुए पकड़ा गया है। ऐसे परीक्षार्थियों को उनके भविष्य के दृष्टिगत आपराधिक दायित्व से मुक्त रखा जाएगा। कार्रवाई के तौर पर ऐसे परीक्षार्थियों की उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन नहीं किया जाएगा। परीक्षा परिणाम परीक्षा प्राधिकारी द्वारा विहित रीति से घोषित किया जाएगा।
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